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एक दिन पहले
कॉपी लिंकआयुर्वेदाचार्य बोले- नुस्खा उपयोग करने के पहले विषय विशेषज्ञ डॉक्टर और वैद्यों से सलाह जरूर लें
कोरोना की दूसरी लहर में सोशल मीडिया पर नुस्खों की बाढ़ आ गई है। खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. उमेश शुक्ला का कहना है कि इन नुस्खों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। उनका कोई क्लिनिकल टेस्ट नहीं हुआ है। आयुष मंत्रालय ने कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की है। उसका पालन करें, बिना आधार किसी नुस्खे के धोखे में न आएं।
लौंग, कपूर, नीलगिरी और अजवाइन का तेल सूंघने से कोरोना मर जाता है
संजीवनी केंद्र की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव का कहना है कि आयुर्वेद में पंचकर्म के माध्यम से नस्य विधि का उपयोग बताया है। बिना व्यक्ति की प्रकृति जाने नस्य नहीं दिया जाता। लौंग, कपूर वाले नुस्खे से कोरोना नहीं मरता। हां, इससे नाक के बंद रंध्र खुल जाते हैं। इसे अपनाने से पहले चिकित्सकीय सलाह लें।
बरगद (बड़) के पेड़ के पत्ते का दूध कोरोना को जड़ से दूर कर देता है
वीणावादिनी महाविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. रश्मि प्यासी का कहना है कि बरगद के पेड़ को आयुर्वेद में पंचछीरी वृक्षों की श्रेणी में रखा है। इसका उपयोग रोगों के स्तंभन के लिए होता है। कई रोगों में इसके पत्ते, जड़, छाल, फल काम में आते हैं, लेकिन कोरोना के संबंध में इसे लेकर कोई रिसर्च नहीं हुई है।
काली मिर्च, अदरक और शहद से कोरोना वायरस मर जाता है…
विंध्य हर्बल के आयुर्वेदाचार्य संजय शर्मा का कहना है कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि काली मिर्च, अदरक और शहद कफ से कोराेना वायरस मर जाता है। इतना जरूर है कि तीनों चीजें कफ नाशक हैं। लेकिन इनका उपयोग उचित मात्रा में होना चाहिए। काली मिर्च ज्यादा मात्रा में लेने से पेट संबंधी बीमारी हो सकती है।
नींबू का रस नाक में डालने से कोरोना संक्रमण नहीं होता है
पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए डॉ. बीएनएस परमार का कहना है कि यह सत्य है कि आयुर्वेद में नींबू का विशेष महत्व है। इसमें विटामिन सी होता है। नींबू का रस गर्म पानी में पीने से सेहत बेहतर होती है। लेकिन नींबू का रस नाक में डालने से कोरोना खत्म होता है, ऐसा कोई प्रमाण अब तक नहीं मिला है।
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