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मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स का मीडिया को लेटर: इस मुश्किल दौर में जिम्मेदारी का परिचय दें, आइसोलेशन में रह रहे लोग कहीं हिम्मत न हार जाएं

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Hindi NewsNationalLetter To The Media Of Mental Health Experts News Update; Should Show Responsibility In This Difficult Period, People Living In Isolation Should Not Lose Courage

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नई दिल्लीएक दिन पहले

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देश के चार मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मीडिया को पत्र लिखकर जिम्मेदारी और पॉजिटिव रिपोर्टिंग की गुजारिश की है। इसमें कई अहम बातें कही गई हैं। इन एक्सपर्ट्स के मुताबिक- मीडिया को इस मुश्किल दौर में जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए।

डॉक्टर बीएन गंगाधर, डॉक्टर प्रतिमा मूर्ति, गौतम साहा और राजेश सागर ने इस लेटर में लिखा है कि रिपोर्टिंग के वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी तरह का हिस्टीरिया न फैलाया जाए, क्योंकि कोरोना से निपटने में मानसिक तौर पर मजबूती बेहद जरूरी है।

ये तब और अहम हो जाती है जब मरीज आइसोलेशन में होता है और इस दौरान उसका हौसला बढ़ाने की जरूरत होती है। अगर वो जलती चिताएं और सिर्फ लोगों को बिलखते देखेगा, तो वो हिम्मत हार सकता है। लेटर में मीडिया की काफी तारीफ भी की गई है कि उसने बदइंतजामी और ऑक्सीजन की कमी जैसे मुद्दों पर गंभीरता से सवाल उठाए हैं।

मीडिया लोगों को सकारात्मक होने में मदद करेलेटर के मुताबिक- मीडिया और खासकर मास मीडिया की ताकत से सभी वाकिफ हैं। ये महामारी के दौर में पूरी ताकत और जज्बे से काम कर रहा है। लेकिन, कुछ बिंदू हैं जिनको हम अपने मीडिया के दोस्तों के साथ शेयर करना चाहते हैं।

जलती सामूहिक चिताएं, मरीजों के रोते-बिलखते परिजन और ऐसे ही कुछ फोटोज या क्लिप्स। ये उन लोगों को परेशान कर सकते हैं, हौसला तोड़ सकते हैं, जो घरों में कैद हैं। इस मुश्किल वक्त में लोग घरों में कैद हैं और टीवी या सोशल मीडिया के जरिए ही बाहर का हाल जान पा रहे हैं। इस दौर में आप उनको सकारात्मक होने में मदद कर सकते हैं।

बदइंतजामी और लापरवाही दिखाएं, हौंसला न तोड़ेंतीन पेज की चिट्ठी का लब्बोलुआब देखें तो इन मानसिक रोग विशेषज्ञों ने एक बेहद अहम बात कही है। उन्होंने आगे लिखा कि बदइंतजामी और लापरवाही को उजागर करना मीडिया की जिम्मेदारी है। ऐसा किया भी जाना चाहिए, लेकिन रिपोर्टिंग या कवरेज के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखें तो बेहतर।

कई लोग संक्रमित होने के बाद घर में आइसोलेट हैं। कुछ फोटोज या क्लिप्स उन्हें परेशान कर सकते हैं। उनका हौसला तोड़ सकते हैं। उनके मन में यह बात आ सकती है कि स्वस्थ होना मुश्किल है और बाहर इलाज कराना बेहद मुश्किल है। लोग वैसे ही घरों में कैद होकर रह गए हैं, महामारी की वजह से उनकी आजादी छिन गई है। ऐसे में सामान्य आदमी का भी मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना जरूरी है।

इस दुख की घड़ी में आपके साथ की जरूरत हैलेटर के मुताबिक- जिन संक्रमितों में हल्के लक्षण हैं, वे मोटिवेशन के जरिए घर में ही स्वस्थ हो सकते हैं। अगर वे विचलित करने वाली कवरेज देखेंगे तो मानसिक तौर पर कमजोर होंगे। हम ये नहीं कहते कि आप तथ्य न दिखाएं, लेकिन हिस्टीरिया या डर फैलाने वाली कवरेज से बचान जाना चाहिए।

मीडिया इस दौर में बहुत बड़ी ताकत है। वो लोगों को जानकारी देकर उनकी मदद कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है लोगों की आशा या हौसले को बढ़ा सकता है। आप हमारे आंख और कान हैं। आपका कहा या दिखाया गया मुद्दा लोगों को प्रभावित करता है। इस दुख की घड़ी में आपके साथ की जरूरत है।

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