March 29, 2024 : 6:30 PM
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नई खोज: पेंटागन के वैज्ञानिकों ने बनाई शरीर में लगने वाली माइक्रोचिप, यह वायरस को पहचानेगी, फिर खून से फिल्टर कर निकाल देगी

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15 घंटे पहले

कॉपी लिंकचिप त्वचा के नीचे लगेगी, शरीर की रासायनिक स्थिति बताएगीडिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ने नई तकनीक खोजी, कहा-कोरोना अब अंतिम महामारी

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी माइक्रोचिप और तकनीक विकसित की है, जो आपके शरीर में कोरोनावायरस के लक्षण को बेहद आसानी से पहचान लेगी और बाद में वायरस को फिल्टर के जरिए खून से निकाल लिया जाएगा। इस नई तकनीक को डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (डीएआरपीए) ने विकसित किया है।

त्वचा के नीचे लगाया जाएगी माइक्रोचिप

इसे बनाने वाली टीम के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल डॉ. मैट हैपबर्न ने यह दावा भी किया कि कोविड-19 अंतिम महामारी होगी। अब हम भविष्य में किसी भी प्रकार के जैविक और रासायनिक हमले से बचाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। डॉ. हेपबर्न ने कहा कि माइक्रोचिप को शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा के नीचे लगाया जा सकता है। यह शरीर में होने वाली हर तरह की रासायनिक प्रतिक्रिया बताएगी और उसके द्वारा भेजे जाने वाले संकेत बताएंगे कि आप कितनी देर में संक्रमित हाेने वाले हैं।

3 से 5 मिनट में मिलेगा रिजल्ट

डाॅ. हेपबर्न ने टिश्यू जैसे जेल काे दिखाते हुए बताया कि यह माइक्राेचिप में रहेगा और इसे इस तरह बनाया गया है कि यह खून की लगातार जांच कर रिपाेर्ट देगा। आप जहां हैं, वहीं आप अपने खून की जांच कर सकते हैं। इसका रिजल्ट भी 3 से 5 मिनट के अंदर आपको मिल जाएगा। चूंकि जांच और रिजल्ट तत्काल मिल रहे हैं, लिहाजा बिना समय गंवाए संक्रमण फैलने से पहले ही वायरस जहां है, उसे वहीं उसे खत्म कर सकते हैं।

पेंटागन की सहयोगी पैथोलॉजी संस्था ने बनाई मशीन

इसके लिए पेंटागन की ही एक सहयोगी पैथोलॉजी संस्था के सहयोग से खून की जांच के लिए डायलिसिस की तरह एक मशीन विकसित की है। यह खून से वायरस काे पूरी तरह से हटा देती है। डाॅ. हेपबर्न ने बताया कि हमने एक सैन्यकर्मी ‘पेशेंट-16’ पर इसका प्रयाेग किया। इस मशीन के जरिए उसके खून से वायरस काे पूरी तरह खत्म कर दिया और वह अब वह तंदुरुस्त है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इस मशीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।

जंगी जहाज के 1271 संक्रमित सैनिकों के सहयोग से आगे बढ़ी रिसर्च

डॉ. हेपबर्न ने कहा- ‘मैं अमेरिकी जंगी बेड़े थियोडर रूजवेल्ट के सैनिकों के संघर्ष से बेहद प्रभावित हुआ। इसी जहाज के 1,271 सदस्य एक साथ कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इनके सहयोग से ही डॉ. केवॉन मोजार्ड कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने के करीब आ गए हैं। उन्होंने कहा कि- ‘हमारे पास उपकरण है, तकनीक है। अब हम वायरस को पूरी तरह खत्म कर देंगे।’

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