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कोख तक पहुंची जहरीली हवा: वायु प्रदूषण से भारत, बांग्लादेश और पाक में हर साल 3.50 लाख गर्भपात, ये दुनिया का सबसे प्रदूषित हिस्सा

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नई दिल्ली9 दिन पहले

कॉपी लिंकलैंसेट जर्नल में पब्लिश हालिया रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण का गर्भपात से सीधा सम्बंधभारत समेत पड़ोसी देश वायु गुणवत्ता स्तर को सुधार लें तो 7% तक रोक सकते हैं प्रेगनेंसी लॉस

दुनिया के जिन इलाकों की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है वहां गर्भावस्था में दिक्कतें, गर्भपात और मृत बच्चों के जन्म लेने के मामले ज्यादा है। लैंसेट हेल्थ जर्नल के एक नए अध्ययन के मुताबिक, वायु प्रदूषण का गर्भपात से सीधा संबंध है। रिपोर्ट कहती है, वायु प्रदूषण को रोकना जरूरी है।

भारत समेत पड़ोसी देशों में सालाना 3.49 लाख गर्भपातरिसर्चरों ने पाया है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अधिक वायु प्रदूषण के कारण सालाना 3.49 लाख गर्भपात हो रहे हैं। रिसर्च के मुताबिक, अगर भारत वायु प्रदूषण को कम कर लेता है तो हर साल गर्भपात के मामलों में 7 फीसदी की कमी आ सकती है।

वायु प्रदूषण गर्भनाल भी डैमेज कर सकता हैवायु प्रदूषण मां और बच्चे को जोड़ने वाली गर्भनाल को डैमेज करके भ्रूण तक नुकसान पहुंचाता है। रिसर्चर्स ने दावा किया है कि दक्षिण एशिया में प्रेगनेंसी पर प्रदूषण का असर बताने वाली यह अपनी तरह की पहली स्टडी है। दक्षिण एशिया में गर्भ को नुकसान होने के मामले दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह दुनिया का सबसे ज्यादा पीएम 2.5 प्रदूषित इलाका है।

भारत में हवा डब्ल्यूएचओ के मानक से चार गुना खराबरिसर्चरों ने साल 2000 से 2016 के बीच पाया कि दक्षिण एशिया में प्रदूषित हवा के कारण 7.1 % तक गर्भपात हुए। भारत का वर्तमान एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की गाइडलाइन के मुताबिक, 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर सुरक्षित माना जाता है।

गर्भ में पल रहे बच्चे को एयर पॉल्युशन के कारण कई तरह से खतरा है।

गर्भ में पल रहे बच्चे को एयर पॉल्युशन के कारण कई तरह से खतरा है।

एयर पॉल्यूशन से बचें गर्भवती महिलाएं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर होता है। मां जो भी खाती है, वो सीधा बच्चे को मिलता है। दूषित हवा में सांस लेने का असर बच्चे पर हो सकता है। इससे प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा भी रहता है। जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह सकता है, जिससे कुपोषण की समस्या हो सकती है।

लिविंग एरिया में साफ हवा का करें इंतजाम

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लिविंग एरिया में शुद्ध हवा रखने के लिए आपको अपने घर के आसपास सफाई रखना जरूरी है। इसके लिए घर के गार्डन में एयर प्यूरीफाइंग प्लांट्स लगा सकते हैंं। सुबह- शाम घर के दरवाजे और खिड़कियां खोलकर रख सकते हैं। इससे घर शुद्ध हवा से वेंटिलेटेड रहेगा। साथ ही अपनी डाइट में भी थोड़ा बदलाव करें। इससे एयर पॉल्यूशन से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।

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