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Hindi NewsJeevan mantraJyotishAstrological Prediction For New Year 2021, How Will The New Year Be For India’s Politics, Security, Health, Indian Education And Economic Sector
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5 घंटे पहले
कॉपी लिंकनस्तुर बेजान दारुवाला, डॉ. कुमार गणेश, पं. मनीष शर्मा, पं. गणेश मिश्रा बता रहे हैं खास भविष्यवाणियां
2021 शुरू हो गया है। इस साल देवगुरु बृहस्पति की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव बना रहेगा। 23 जनवरी के बाद दुनियाभर में कोरोना काबू होने लगेगा। भारत को पाकिस्तान और चीन की वजह से बॉर्डर पर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। देश के 4 ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं कि नया साल 2021 देश की राजनीति, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र के लिए कैसा रह सकता है…
राजनीति के लिए
राज्यों के चुनाव में भाजपा का बोलबाला रहने की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि वृश्चिक है, इस पर देवगुरु बृहस्पति की कृपा रहेगी। इनका आत्मविश्वास दुश्मन को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। अपनी असाधारण इच्छा शक्ति के दम पर मोदी सफलता प्राप्त करेंगे। साथ ही, वे अपने व्यक्तित्व से लोगों को प्रभावित करते रहेंगे। इनकी कुंडली में बृहस्पति का केंद्र में होना और मंगल का खुद की राशि में होना, इस बात का संकेत देता है कि इनमें प्रबंधन करने के विशेष गुण हैं। इस साल देश की राजनीति के लिए कई महत्वपूर्ण परिवर्तन और घटनाक्रम वाला हो सकता है।
जनता का कारक ग्रह शनि है। ये ग्रह केंद्र में है और बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही है। इस साल भी जो चुनाव राज्यों में होंगे, उनमें भाजपा का प्रभाव बढ़ेगा। कांग्रेस के लिए ये साल कुछ ज्यादा उल्लेखनीय नहीं रहने वाला है। राजनीतिक गतिविधियां लगातार तेज रहेंगी। वर्ष 2024 में शनि की साढ़ेसाती के समय मोदी की कुंडली में मंगल होने से, इन्हें फिर से पीएम बनने का मौका मिलेगा।
– नस्तुर बेजान दारुवाला (एस्ट्रोलॉजर, अहमदाबाद)
सुरक्षा-विदेश नीति के लिए
कश्मीर में आतंक की दो-तीन बड़ी घटनाएं हो सकती हैं
नया साल भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत खास रहने वाला है। इस साल भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ सकता है। दोनों देशों के बीच झड़पें भी हो सकती हैं। युद्ध जैसे हालात बनने के योग हैं, लेकिन युद्ध नहीं होगा। अप्रैल से अक्टूबर तक भारत और पाकिस्तान के बीच हालात नाजुक रहेंगे, इस दौरान युद्ध होने के आसार बन रहे हैं। इस साल पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद नियंत्रण में रहेगा। दो-तीन बड़ी घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन स्थिति पर काबू रहेगा। नक्सली गतिविधियों की अधिकता रह सकती है।
विदेश नीति के मामले में भी ये साल भारत के लिए कुछ मामलों में चुनौतीपूर्ण रह सकता है। हालांकि, पड़ोसी देशों के साथ संबंधों और कूटनीति में भारत को खासी सफलता हासिल हो सकती है। भारत की विदेश नीति चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार व बांग्लादेश के मामले में उल्लेखनीय रूप से सफल रह सकती है।
– डॉ. कुमार गणेश (न्यूमेरोलॉजिस्ट, जयपुर)
शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए
विद्यार्थियों का मिलेगा अच्छा रिजल्ट, जनवरी के बाद कोरोना होगा काबू
2020 में कोरोना की वजह से देश को शिक्षा क्षेत्र में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई 2021 में हो जाएगी। ये साल शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। नए साल में माता-पिता, शिक्षक और संचालन करने वाले सभी लोगों को फायदा होगा। विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
महामारी कोरोना जनवरी 2021 के बाद से काबू होने लगेगी। ज्योतिष के अनुसार शनि जब भी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आता है तो सभी को परेशान करता है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। सूर्य की शनि के साथ प्रबल शत्रुता है। इस कारण जब से सूर्य के नक्षत्र में शनि का प्रवेश हुआ है, तब से ही दुनियाभर में महामारी फैली है। 23 जनवरी को शनि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से निकल कर श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके बाद दुनियाभर में फैली महामारी और अशांति खत्म होने लगेगी। देश-दुनिया की कई बड़ी समस्याएं हल हो जाएंगी।
– पं. मनीष शर्मा (ज्योतिषाचार्य, उज्जैन)
अर्थव्यवस्था के लिए
सरकार की आय और बेरोजगारों की तादाद, दोनों बढ़ने का योग
नए साल में भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत ज्यादा सुधार के योग नहीं हैं। इस समय आर्थिक संकट की वजह से जनता में अशांति रहेगी। बेरोजगारों की संख्या और बढ़ेगी। शेयर बाजार में लाभ में कमी होगी। बैंकों में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार बढ़ेगा। कई बीमा कंपनियों के लिए समय अच्छा नहीं रहेगा। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा और रुपया मजबूत होगा। सरकार की आय बढ़ेगी।
देश का व्यापारिक घाटा कम होगा। विदेशी पूंजी का सहयोग मिलेगा, भारतीय बाजार में उनकी रुचि रहेगी। वर्ष की शुरुआत में शेयर बाजार में मंदी रहने के योग हैं। ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, मोबाइल, साफ्टवेयर, सीमेंट, स्टील सभी से संबंधित शेयरों में मंदी बनी रहेगी। वर्ष के अंत में विश्व बाजार में भारत की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे आने वाले समय में देश को लाभ हो सकता है।
-पं. गणेश मिश्रा (ज्योतिषाचार्य, काशी)
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