April 25, 2024 : 6:33 AM
Breaking News
MP UP ,CG Other अन्तर्राष्ट्रीय करीयर क्राइम खबरें टेक एंड ऑटो ताज़ा खबर बिज़नेस ब्लॉग मनोरंजन महाराष्ट्र राज्य राष्ट्रीय लाइफस्टाइल हेल्थ

शरीर का सबसे उपयोगी और सबसे अनुपयोगी अंग। अभिषेक तिवारी

शब्द सम्हाल के बोलिए शब्द के हाथ ना पाव , 

एक शब्द औषधि करे एक करे है घाव।  

बड़े बुज़ुर्गों से सुनी हुई कहानी,दास प्रथा के दिनों में एक मालिक के पास अनेकों गुलाम हुआ करते थे।
उन्हीं में से एक था सत्यव्रत। सत्यव्रत था तो सिर्फ एक गुलाम लेकिन वह बड़ा ही चतुर और बुद्धिमान था। उसकी ख्याति दूर दराज़ के इलाकों में फैलने लगी थी। एक दिन इस बात की खबर उसके मालिक को लगी, मालिक ने सत्यव्रत को बुलाया और कहा- सुनते हैं, कि तुम बहुत बुद्धिमान हो। मैं तुम्हारी बुद्धिमानी की परीक्षा लेना चाहता हूँ।

अगर तुम इम्तिहान में पास हो गए तो तुम्हें गुलामी से छुट्टी दे दी जाएगी। अच्छा जाओ, एक मरे हुए बकरे को काटो और उसका जो हिस्सा बढ़िया हो, उसे ले आओ। सत्यव्रत ने आदेश का पालन किया और मरे हुए बकरे की जीभ लाकर मालिक के सामने रख दी। कारण पूछने पर कि जीभ ही क्यों लाया ! सत्यव्रत ने कहा- अगर शरीर में जीभ अच्छी हो तो सब कुछ अच्छा-ही-अच्छा होता है। मालिक ने आदेश देते हुए कहा- “अच्छा! इसे उठा ले जाओ और अब बकरे का जो हिस्सा बुरा हो उसे ले आओ।”

सत्यव्रत बाहर गया, लेकिन थोड़ी ही देर में उसने उसी जीभ को लाकर मालिक के सामने फिर रख दिया। फिर से कारण पूछने पर लुक़मान ने कहा- “अगर शरीर में जीभ अच्छी नहीं तो सब बुरा-ही-बुरा है। “उसने आगे कहते हुए कहा- “मालिक! वाणी तो सभी के पास जन्मजात होती है, परन्तु बोलना किसी-किसी को ही आता है…क्या बोलें? कैसे शब्द बोलें, कब बोलें। इस एक कला को बहुत ही कम लोग जानते हैं। एक बात से प्रेम झरता है और दूसरी बात से झगड़ा होता है।

https://www.facebook.com/newsblast247

कड़वी बातों ने संसार में न जाने कितने झगड़े पैदा किये हैं। इस जीभ ने ही दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाये हैं। जीभ तीन इंच का वो हथियार है जिससे कोई छः फिट के आदमी को भी मार सकता है तो कोई मरते हुए इंसान में भी प्राण फूंक सकता है । संसार के सभी प्राणियों में वाणी का वरदान मात्र मानव को ही मिला है। उसके सदुपयोग से स्वर्ग पृथ्वी पर उतर सकता है और दुरूपयोग से स्वर्ग भी नरक में परिणत हो सकता है।

भारत के विनाशकारी महाभारत का युद्ध वाणी के गलत प्रयोग का ही परिणाम था। “मालिक, सत्यव्रत की बुद्धिमानी और चतुराई भरी बातों को सुनकर बहुत खुश हुए ; आज उनके गुलाम ने उन्हें एक बहुत बड़ी सीख दी थी और उन्होंने उसे आजाद कर दिया।
मित्रों, मधुर वाणी एक वरदान है

साभार
अभिषेक तिवारी

Related posts

Uttar Pradesh : मुश्किल में Mukhtar Ansari, अब Ambulance विवाद में घिरा

Admin

जुलाई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 10.4% घटा, लॉकडाउन हटने के बाद भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर संकट बरकरार

News Blast

डब्ल्यूएचओ ने चेताया: कोरोना की तीसरी लहर अभी शुरुआती दौर में, समय रहते नहीं रोका तो गंभीर नतीजे

News Blast

टिप्पणी दें