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- NASA News: NASA Project Data Sonification: Sounds From Around The Milky Way All You Need To Know
43 मिनट पहले
- अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चंद्र एक्स-रे वेधशाला, हब्बल टेलिस्कोप और स्पिट्जर टेलिस्कोप से ली गईं आकाशगंगा की तस्वीरों को दिखाया
- आकाशगंगा की अलग-अलग तस्वीरें अलग-अलग तरह का साउंड दे रही हैं
ब्रह्मांड में मौजूद आकाशगंगा से निकलने वाली रोशनी को अब आवाज के रूप में सुनकर समझा जा सकता है। आकाशगंगा में जितनी रोशनी होगी आवाज में उतार-चढ़ाव उतना ही बढ़ता जाएगा। जैसे रोशनी कम होगी आवाज का उतार-चढ़ाव घटेगा।
इस तरह की तकनीक को सोनिफिकेशन कहते हैं। यह डाटा को साउंड में तब्दील करने की प्रक्रिया है। अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस प्रोजेक्ट की मदद से पहली बार आकाशगंगा को आम लोग सुन सकेंगे।
ट्विटर पर शेयर किए वीडियो
नासा ने ट्विटर पर वीडियो शेयर किया है। वीडियो में आकाशगंगा की तस्वीर पर साउंड बाएं से दाईं ओर बढ़ता है। साउंड से पता चलता है कि कहां पर कितनी रोशनी है। जैसे ही यह तेज रोशनी के करीब पहुंचता है इसके साउंड में बदलाव आता है।
नासा के मुताबिक, यूजर 400 प्रकाश वर्ष दूर से दिखने वाली तस्वीर को साउंड के रूप में सुन सकता है। ये तस्वीरें चंद्रा एक्स-रे वेधशाला, हब्बल टेलिस्कोप और स्पिट्जर टेलिस्कोप से ली गई हैं। आकाशगंगा की अलग-अलग तस्वीरें अलग-अलग तरह का साउंड दे रही हैं।
क्या है आकाशगंगा
इसे आसान भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि हम पृथ्वी पर रहते हैं, यह ग्रह है। ऐसे सभी ग्रह सौर मंडल का हिस्सा हैं। सौर मंडल आकाशगंगा का एक छोटा सा हिस्सा है। आकाशगंगा कई तरह की गैस, अरबों ग्रहों के सौर मंडल और धूल से मिलकर बनी है। आकाशगंगा के बीचों-बीच एक बहुत बड़ा गढ्डा है ब्लैक होल कहते हैं।
आकाशगंगा की पहली तस्वीर का साउंड
आकाशगंगा की दूसरी तस्वीर का साउंड
साइंस और आर्ट का स्वर्ग में मिलन
ट्विटर पर सोशल मीडिया यूजर्स इसे अमेजिंग टेक्नोलॉजी बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, यही कारण है कि मैं विंड चाइम्स को पसंद करता है। यह तस्वीर से एक छोटे म्यूजिक बॉक्स में तब्दील हो रहा है। वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, यह साइंस और आर्ट का स्वर्ग में मिलन होने जैसा है।