April 25, 2024 : 11:37 AM
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अगर किसी एक काम में धैर्य के साथ आग बढ़ते हैं तो सफलता जरूर मिलती है, शुरुआती असफलता से रास्ता नहीं बदलना चाहिए

5 घंटे पहले

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  • एक किसान बारिश न होने की वजह से परेशान था, उसने सोचा खेत में कुआं खोदकर सिंचाई करनी चाहिए, ये सोचकर किसान ने खेत में अलग-अलग जगह गड्ढे खोदना शुरू कर दिए

सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ते रहते हैं। बार-बार अपना रास्ता बदलने वाले लोग सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक किसान ने अपने खेत में फसल के बीज डाल दिए थे। अब वह बारिश का इंतजार कर रहा था। कई दिनों तक बारिश नहीं हुई तो किसान परेशान हो गया। बहुत सोचने के बाद किसान ने तय किया अब उसे अपने खेत में ही एक कुआं खोद लेना चाहिए। ये विचार आते ही उसने अगले दिन से ही खेत के एक कोने में कुआं खोदना शुरू किया। दिनभर कड़ी मेहनत की। शाम को उसने सोचा कि शायद मैंने गलत जगह पर गड्ढा खोद दिया है। कल दूसरी जगह गड्ढा खोदूंगा तो शायद पानी निकल आएगा। अगले दिन किसान ने दूसरी जगह गड्ढा खोदना शुरू किया। शाम तक किसान ने दूसरा गड्ढा खोद दिया। रात में उसने फिर सोचा कि मैंने आज फिर गलती कर दी, मुझे किसी और जगह पर गड्ढा खोदना चाहिए। इसी तरह किसान रोज अलग-अलग जगहों पर गड्ढे खोदता, लेकिन कहीं भी पानी नहीं निकला। एक दिन उसके खेत के इधर से संत निकल रहे थे। तभी उन्होंने खेत में बहुत सारे गड्ढे दिखे तो उन्होंने से पूछा कि भाई ये सब क्या है? किसान ने संत से कहा कि गुरुदेव मैं खेत में कुआं खोद रहा हूं, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि खेत में कहां जल्दी पानी निकल आएगा? इसीलिए मैंने ये गड्ढे खोदे हैं। संत ने उससे कहा कि भाई अगर तुम किसी एक ही जगह धैर्य के साथ गड्ढा खोदते और उसे ही कुएं का आकार दे देते तो शायद अब तक तुम्हें पानी मिल जाता। लेकिन, तुमने अलग-अलग जगह पर गड्ढे खोदे, यही गलती तुमने की है। किसान को संत की बात समझ आ गई। अगले दिन से किसान ने एक ही गड्ढे को गहरा करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में उस गड्ढे में पानी निकल आया। उसने गड्ढे को कुएं का आकार दे दिया। प्रसंग की सीख इस कथा की सीख यह है कि हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए किसी एक रास्ते पर आगे बढ़ते रहना चाहिए, बार-बार रास्ता बदलने से हम लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते हैं।

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