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- Woman Appeal To Indore BJP MP Shankar Lalwani; Narendra Modi Interacts With Madhya Pradesh Street Vendors Over PM Swanidhi Yojana
इंदौर8 मिनट पहले
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महिला बोली- ज्यादा पड़ी लिखी भी नहीं, अब कैसे परिवार का गुजारा करें।
- महिला बोली – कलेक्ट्रेट में आवेदन किया, विधायक मेंदोला, मंत्री उषा ठाकुर सहित कई जगह गुहार लगाई, कहीं सुनवाई नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के शहरी पथ विक्रेताओं से संवाद किया। मोदी ने इंदौर में सांवेर के छगन लाल वर्मा, ग्वालियर की अर्चना शर्मा और रायसेन के सब्जी के ठेला लगाने वाले डालचंद्र से बातचीत की। उनसे पीएम स्वनिधि योजना से मिले ऋण के बारे में जानकारी ली। पूछा कि इस योजना से किस तरह फायदा हो रहा है। लेकिन रवींद्र नाट्यगृह में कार्यक्रम खत्म होने के बाद नजारा अचानक बदल गया। यहां एक महिला भरे गले से पहुंची और सांसद को अपना दुखड़ा सुनाया। उसने बताया कि उसने 5 महीने से किराया नहीं दिया है। दो दिन से चूल्हा नहीं जला है। कोरोना के पहले गार्ड की नौकरी कर रही थी, अब वह भी नहीं है। ई-रिक्शा के लिए लिए गुहार लगाई, लेकिन वह भी नहीं मिला। अब दो बच्चे सहित हम परिवार को कैसे पालें। सांसद ने अधिकारियों को आवेदन देते हुए महिला की समस्या हल करने को कहा।
महिला ने सांसद को आवेदन देकर काम ई-रिक्शा दिलवाने की मांग की।
एमआर-10 में रहने वाली महिला ने बताया कि लॉकडाउन के पहले गार्ड की नौकरी करती थी। वह छूट गई है, कहीं कोई काम नहीं दे रहा है। पति और दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहती हूं। पांच महीने से किराया नहीं दिया है। मैंने आर्थिक मदद के लिए कलेक्ट्रेट में आवेदन किया, विधायक रमेश मेंदोला, मंत्री उषा ठाकुर सहित हर जगह गुहार लगाई। मुख्यमंत्री से भी शासन की ओर से ई-रिक्शा दिलाने की मांग की। ऐसे में मुझे रोजगार मिल गया। दो दिन से गैस की टंकी खत्म है, इसलिए घर पर चूल्हा नहीं जला। रुपए नहीं हैं, इसलिए पैदल ही जाकर आवेदन दे रही हूं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही हूं। बस यही मांग है कि एक ई-रिक्शा मिल जाए।
महिला का कहना था कि गरीबी देखा जो राशन दिया जा रहा है, उसकी क्वाॅलिटी ऐसी है कि कीड़े लगे गेहूं मिलता है। खराब चावल मिलते हैं। गरीब हूं तो क्या यह खाना खाऊंगी। कोरोना के कारण इतनी मुसीबत में हूं, कैसे परिवार को पालूं। 12 तारीख को किराया नहीं दिया तो वह कहेगा कहीं और देख लो। 20 हजार रुपए किराए के कहां से लेकर आऊं। ऐसे में मेरी यदि कोई मदद नहीं करेगा तो मेरे सामने तो आत्महत्या का ही रास्ता बचेगा।
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