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225 रुपए में लगेगा कोरोना का टीका, वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गावी के साथ किया करार

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बेंगलुरू21 दिन पहले

वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता वाली बात नजर नहीं आई। -प्रतीकात्मक फोटो

  • गावी, गेट्स फाउंडेशन की ही एक संस्था है, जिसका मकसद निम्न आय वाले देश के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराना है
  • सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध हो सकती है

देश में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से एक खबर आई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और वैक्सीन अलायंस संस्था गावी के साथ एक करार किया है। इस करार के तहत भारत और निम्न आय वाले 92 देशों को मात्र 3 डॉलर यानी 225 रुपए में वैक्सीन मिल सकेगी।

गेट्स फाउंडेशन वैक्सीन के लिए गावी को फंड उपलब्ध कराएगा, जिसका इस्तेमाल सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन तैयार करने और वितरित करने में करेगा। वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल पूरे होते ही इसके उपलब्ध होने की सम्भावना है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध हो सकती है।

क्या है गावी
गावी गेट्स फाउंडेशन की ही एक संस्था है। जिसका मकसद निम्न आय वाले देश के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराना है। वैक्सीन का वितरण कोवैक्स स्कीम के तहत किया जा रहा है। स्कीम का लक्ष्य विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनियाभर के लोगों तक कोविड-19 की वैक्सीन पहुंचाना है। कोवैक्स स्कीम का एजेंडा 2021 तक 200 करोड़ लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराना है।

कोविशील्ड नाम से लॉन्च होगी वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही हैं। भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड (AZD1222) के नाम से लॉन्च होगी।

बड़े स्तर पर होगा ट्रायल
नेशनल बायोफार्मा मिशन एंड ग्रैंड चैलेंज इंडिया प्रोग्राम के तहत सरकार और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक करार हुआ है। इस प्रोग्राम के तहत ही वैक्सीन का बड़े स्तर पर ट्रायल होगा। इसके लिए कई इंस्टीट्यूट सिलेक्ट किए जा चुुकेे हैं।

इनमें हरियाणा के पलवल का INCLEN, पुणे का KEM हॉस्पिटल, हैदराबाद का सोसायटी फॉर हेल्थ एलायड रिसर्च एंड एजुकेशन, चेन्नई का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और वेल्लोर का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।

इसके अलावा एम्स दिल्ली-जोधपुर, पुणे का बीजे मेडिकल कॉलेज, पटना का राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मैसूर का जेएसएस एकेडमी और हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, गोरखपुर का नेहरू हॉस्पिटल, विशाखापट्टनम का आंध्र मेडिकल कॉलेज और चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च भी इस सूची में शामिल हैं।

ब्रिटेन, अफ्रीका और ब्राजील में ट्रायल
इस वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील में शुरू हो चुका है। भारत में इसका ट्रायल मुम्बई और पुणे में अगस्त के अंत में शुरू होगा। भारत में यह वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से लॉन्च होगी। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि अगर ट्रायल कामयाब होता है तो 2021 की पहली तिमाही तक 30 से 40 करोड़ डोज तैयार किए जा सकेंगे। वैक्सीन इस साल के अंत तक आ सकती है।

अब तक वैक्सीन सुरक्षित साबित हुई

मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। इस जानकारी के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंट रनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी कहा है कि AZD1222 नाम की इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पॉन्स मिला है।

वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता वाली बात नजर नहीं आई।

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