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रूसी विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य मंत्रालय को चेताया था, 100 से भी कम लोगों पर हुए ह्यूमन ट्रायल से लोग खतरे में पड़ सकते हैं

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  • Russia Coronavirus Covid 19 Vaccine Update | ACTO Clinical Trial Organization Writes To Ministry Of Health Over Sputnik V Human Trial

11 दिन पहले

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  • वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन से पहले रूसी विशेषज्ञों ने पत्र लिखकर कहा था- बिना तीसरा ट्रायल पूरा हुए वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन कराना खतरनाक साबित हो सकता है
  • एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल ट्रायल ऑर्गोनाइजेशन की एग्जीक्युटिव डायरेक्टर स्वेतलाना के मुताबिक, ट्रायल की गाइडलाइन को नहीं बदला जा सकता

रशियन वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन से पहले वहां के विशेषज्ञों ने इसकी सुरक्षा और साइडइफेक्ट की आशंका जताई थी। मॉस्को की एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल ट्रायल ऑर्गोनाइजेशन (ACTO) ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में साफतौर लिखा गया था कि तीसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल पूरा करने के बाद ही वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन कराएं। 100 से भी कम लोगों पर हुए ह्यूमन ट्रायल से लोग खतरे में पड़ सकते हैं।

एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल ट्रायल ऑर्गोनाइजेशन की एग्जीक्युटिव डायरेक्टर स्वेतलाना जावीडोवा के मुताबिक, क्यों सभी कार्पोरेशन नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन रशिया के लोग नहीं? क्लीनिकल ट्रायल की गाइडलाइन हमारे खून में हैं जिसे कभी नहीं बदला जा सकता है। कोई भी अप्रमाणित वैक्सीन इंसानों को लगने के बाद क्या होगा, हम नहीं जानते।

WHO ही नहीं, दुनियाभर के विशेषज्ञ सवाल उठा रहे

  • WHO ने कहा है, रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता और सुरक्षा पर भरोसा करना मुश्किल है। वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइंस बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं, उन्हें इसका पालन करना ही होगा।
  • यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर फ्रांसुआ बैलक्स कहते है, रशिया का ऐसा करना शर्मनाक है। यह बेहद घटिया फैसला है। ट्रायल की गाइडलाइन को नजरअंदाज करके वैक्सीन को बड़े स्तर पर लोगों को देना गलत है। इंसान की सेहत पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा।
  • जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान के मुताबिक, रशियन वैक्सीन की पर्याप्त जांच नहीं की गई। इसे लोगों को देना खतरनाक साबित हो सकता है। वैक्सीन सबसे पहले बने, इससे ज्यादा जरूरी है यह सुरक्षित हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता और सुरक्षा पर भरोसा करना मुश्किल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता और सुरक्षा पर भरोसा करना मुश्किल है।

अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ ने भी सवाल उठाए
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉकी ने वैक्सीन पर सवाल उठाते हुए कहा, बिना पूरे ट्रायल हुए वैक्सीन को बांटने की तैयारी करना समस्या को और बढ़ा सकता है। नेशनल जियोग्राफिक को दिए इंटरव्यू में डॉ. एंथनी ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं रशिया ने वाकई में वैक्सीन को प्रमाणित कराया हो और यह सुरक्षित साबित हो।

अमेरिकी हेल्थ एंड ह्यूमन सेक्रेट्री एलेक्स एजर के मुताबक, सबसे जरूरी बात है कि वैक्सीन से जुड़ा हर डाटा पारदर्शी हो। यही इसे प्रमाणित करेगा कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित है और लोगों को बीमारी बचा पाएगी या नहीं।

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