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अमेरिकी कम्पनी मॉडर्ना के तीसरेे वैक्सीन ट्रायल में भारतीय भी शामिल होंगे, अब तक 40 फीसदी लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया

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39 मिनट पहले

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  • वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में शामिल होने के लिए 18 फीसदी अश्वेत, भारतीय, अमेरिकी और अलास्का के निवासियों में रजिस्ट्रेशन कराया

अमेरिकी ड्रग कम्पनी मॉडर्ना के तीसरे वैक्सीन ट्रायल में भारतीय भी शामिल होंगे। ट्रायल 30 हजार लोगों पर किया जा रहा है।इसमें शामिल होने के लिए अब तक 40 फीसदी यानी 13,194 लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है।

कम्पनी ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की है। ट्वीट के मुताबिक, वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में शामिल होने के लिए 18 फीसदी ऐसे लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जो अश्वेत, भारतीय, अमेरिकी और अलास्का के निवासी हैं। कोरोना का सबसे ज्यादा असर इन पर भी पड़ा है, ये ट्रायल में शामिल होने के लिए आगे आए हैं।

सितंबर में ट्रायल पूरा करने का लक्ष्य
मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन mRNA-1273 के ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत जुलाई में की थी। इसे अंतिम चरण का ट्रायल सितम्बर में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। हाल ही में मॉडर्ना ने अमेरिकी सरकार के साथ एक करार किया है। इस करार के तहत कम्पनी अमेरिकी सरकार को वैक्सीन के 100 मिलियन डोज उपलब्ध कराएगी।

गोरों के मुकाबले अश्वेतों में संक्रमण की दर दोगुनी
रिसर्च के मुताबिक, श्वेत (गोरों) अमेरिकी लोगों के मुकाबले अश्वेत और लेटिन अमेरिकी लोगों में कोरोना के संक्रमण की दोगुनी रही है। इन्हें अब तक ट्रायल में कम ही शामिल किया गया है। लेकिन मॉडर्ना के अंतिम ट्रायल में इस बार ये भी शामिल हैं।

पहले ट्रायल की 5 बड़ी बातें

  • कम्पनी के मुताबिक, mRNA-1273 नाम का यह वैक्सीन जिस कैंडिडेट को दिया गया था, उसके शरीर में केवल मामूली दुष्प्रभाव देखे गए और वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित और सहनीय पाया गया।
  • वैक्सीन पाने वाले कैंडिडेट्स का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया। मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने कहा कि वे इससे बेहतर डेटा की उम्मीद नहीं कर सकते थे।
  • मॉडर्ना ने वैक्सीन के लिए जरूरी जेनेटिक कोड पाने से लेकर उसका इंसानों में ट्रायल तक का सफर मात्र 42 दिनों में पूरा कर लिया। यह भी पहली बार हुआ कि जानवरों से पहले इंसानों में ट्रायल शुरू कर दिया गया था।
  • 16 मार्च को सिएटल की काइज़र परमानेंट रिसर्च फैसिलिटी में सबसे पहले यह वैक्सीन दो बच्चों की मां 43 वर्षीय जेनिफर नाम की महिला को लगाया गया। पहले ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागी शामिल किए गए थे। इनमें से शुरू में 8 को ये वैक्सीन लगाया गया था।
  • मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टाल जकस के मुताबिक, ट्रायल के शुरुआती चरण में ऐसे साइड-इफेक्ट्स थे जो कई वैक्सीन के लिए आम होते हैं, जैसे – कुछ लोग इंजेक्शन की जगह पर लालिमा और ठंडेपन का अनुभव करते हैं। इन आंकड़ों ने हमारे विश्वास को पुष्ट किया कि mRNA-1273 में कोविड -19 को रोकने की क्षमता है।
तीसरे चरण के ट्रायल में वॉलंटियर्स की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

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