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27% स्टूडेंट्स के पास ऑनलाइन क्लासेस के लिए नहीं स्मार्टफोन और लैपटॉप, मैथ्स- साइंस की ऑनलाइन पढ़ाई में कई स्टूडेंट्स को हो रही परेशानी

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  • NCERT Survey|27 Per Cent Students Do Not Have Smartphones And Laptops For Online Classes, Many Students Are Facing Problems In Online Studies Of Maths And Science.

17 घंटे पहले

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  • 28 प्रतिशत स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने माना ​​है कि ऑनलाइन क्लास में बिजली की कटौती बड़ी समस्या
  • CBSE से संबद्ध स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के कुल 34,000 स्टूडेंट्स, पैरेंट्स,टीचर्स और प्रिंसिपल पर किया सर्वे

हाल ही में नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक मौजूदा दौर में ऑनलाइन क्लासेस अटेंड करने के लिए 27 फीसदी स्टूडेंट्स के पास स्मार्टफोन और लैपटॉप नहीं हैं। वहीं, 28 प्रतिशत स्टूडेंट्स और पैरेंट्स का मानना ​​है कि ऑनलाइन क्लास के दौरान बिजली की कटौती प्रमुख चिंताओं में से एक है।

सर्वे में 18,188 स्टूडेंट्स शामिल

सर्वे में CBSE से संबद्ध स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के कुल 34,000 स्टूडेंट्स, पैरेंट्स,टीचर्स और प्रिंसिपल को शामिल किया गया है, जिनमें से 18,188 स्टूडेंट्स थे। इन सबका मानना है कि स्मार्टफोन और लैपटॉप डिवाइसेज का टीचिंग के लिए प्रभावी उपयोग करने को लेकर अभी भी अनभिज्ञता है और शिक्षक ऑनलाइन टीचिंग के तरीकों में पारंगत नहीं हैं।

ऑनलाइन क्लास में मुश्किल मैथ्स और साइंस

सर्वे में उन विषयों को भी शामिल किया गया, जिसमें बच्चों को घर पर ऑनलाइन क्लास में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे के मुताबिक स्टूडेंट्स को मैथ्स और साइंस विषयों में कठिनाई सामना करना पड़ रहा है। मैथ्स में ऐसे कई कांसेप्ट्स है, जिसके लिए इंटरेक्शन, टीचर के निगरानी और सपोर्ट की जरूरत होती है, जो कि ऑनलाइन मोड जरिए संभव नहीं।

वहीं, साइंस में भी कई ऐसे कई कांसेप्ट्स जिनके लिए प्रैक्टिकल नॉलेज की जरुरत है, जो सिर्फ टीचर्स की देखरेख में लैब में संभव हो सकती है। ऐसे में इन विषयों को ऑनलाइन पढ़ने में स्टूडेंट्स कठिनाई महसूस कर रहे हैं।

ज्यादातर स्टूडेंट्स ने किया स्मार्टफोन का इस्तेमाल

NCERT द्वारा किए सर्वे में सामने आया कि 27 फीसदी स्टूडेंट के पास ऑनलाइन स्टडी के लिए स्मार्टफोन या लैपटॉप उपलब्धि नहीं है। वही कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन लर्निंग के लिए ज्यादातर स्टूडेंट्स ने मोबाइल फोन का सहारा लिया। जबकि टीचर्स और प्रिंसिपल के लिए लैपटॉप दूसरी पसंद बनकर उभरा। इस दौरान 36 प्रतिशत स्टूडेंट्स ऐसे थे, जिन्होंने अपने पास उपलब्ध पाठ्यपुस्तक और अन्य पुस्तकों की मदद से भी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं।

महामारी के दौरान टीवी और रेडियो सबसे कम इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस साबित हुए। दरअसल, स्टूडेंट्स और टीचर्स के बीच ऑनलाइन इंटरेक्शन ना होना इसकी कम लोकप्रियता की वजह बनी।

स्टूडेंट्स को नहीं ई- बुक्स की जानकारी

सर्वे में आधे से ज्यादा बच्चों ने बताया कि उनके पास पाठ्यपुस्तके उपलब्ध नहीं है। हालांकि, NCERT की तरफ से ई- बुक्स दिशा प्लेटफार्म और NCERT की वेबसाइट पर जारी की गई है। लेकिन, ज्यादातर बच्चों की पाठ्यपुस्तको की हार्डकॉफी पढ़ने की आदत और कई स्टूडेंट्स को ई- बुक्स की उपलब्धता के बारे में जानकारी न होना इसकी वजह हो सकता है।।

17% स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल लेंग्वेज की पढ़ाई

NCERT ने अपने सर्वे में कहा कि करीब 17 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने लेंग्वेज की पढ़ाई को ऑनलाइन मोड में कठिन बताया। वहीं, करीब 10 प्रतिशत पक्षकारों ने कला शिक्षा को इस माध्यम से चिंता का विषय बताया। NCERT के सर्वेक्षण के आधार पर हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने स्टूडेंट्स के लिए लर्निंग एनहांसमेंट के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें समुदाय के सदस्यों और पंचायती राज के सदस्यों की सहायता से सामुदायिक केंद्रों में हेल्पलाइन सेवा स्थापित करने जैसे उपाय भी शामिल हैं।

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