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गैंगस्टर विकास ने मुठभेड़ से पहले दरोगा को फोन पर धमकाया- थानेदार को समझा लो नहीं तो बिकरु से लाशें उठेंगी

  • मुठभेड़ वाले दिन बिकरु गांव के बीट दरोगा केके शर्मा के पास शाम 4 बजे विकास ने फोन किया था
  • 200 से ज्यादा पुलिसवाले जांच रडार पर, मोबाइल डिटेल खंगाल रही है एसटीएफ

दैनिक भास्कर

Jul 07, 2020, 02:26 PM IST

कानपुर. कानपुर में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच में जुटी एसटीएफ की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ वाली रात (2 जुलाई) बिकरु गांव के बीट दरोगा केके शर्मा के पास शाम 4 बजे विकास ने फोन किया था। इसमें विकास ने धमकी दी थी कि थानेदार (विनय तिवारी) को समझा लो, अगर बात बढ़ी तो बिकरु से कई लाशें उठेंगी। यही नहीं, सिपाही राजीव चौधरी की भी मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पहले विकास से हुई बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं। फिलहाल, विनय तिवारी, केके शर्मा और राजीव सिंह को सस्पेंड किया जा चुका है।

प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में विकास तीसरे नंबर पर 
8 पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास प्रदेश का तीसरा मोस्ट वॉन्टेड अपराधी हो गया है। अभी तक लूट, हत्या, रासुका जैसी संगीन धाराओं में 60 केस दर्ज होने के बाद भी वह टॉप-10 अपराधियों में शामिल नहीं था। अब विकास पर ढाई लाख का इनाम है। विकास के अलावा उत्तर प्रदेश में दो ऐसे अपराधी हैं जिन पर ढाई-ढाई लाख का इनाम है। इनमें से एक मेरठ का मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो और दूसरा पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी आशुतोष है।

विकास के उत्तराखंड भागने की भी आशंका
सोमवार को अफवाह उड़ी कि विकास पश्चिमी यूपी के बिजनौर में अपने छह साथियों के साथ देखा गया। हालांकि, इस बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस सूत्र बताते हैं कि फिलहाल विकास के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है। एक आशंका यह भी है कि वह उत्तराखंड भाग सकता है। इसलिए, मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद अब उत्तराखंड पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास की लास्ट लोकेशन औरेया में मिली थी। इसके बाद से उसका कुछ भी पता नहीं है। 

विकास के आगे पुलिस रहती थी नतमस्तक
एसटीएफ की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है विकास के मददगारों के नाम भी बढ़ते जा रहे हैं। चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन, शिवराजपुर थाने के 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को एसटीएफ ने रडार पर लिया है। इन सभी के मोबाइल फोन सर्विलांस पर हैं। एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि विकास का क्षेत्र में ऐसा दबदबा था कि पुलिसकर्मी उसके आगे नतमस्तक रहते थे। विकास की अनुमति के बाद ही पुलिस जांच के लिए जाती थी। अधिकतर मामले विकास अपने घर पर ही बुलाकर हल करा देता था।

कानपुर मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू की
कानपुर मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट्र जांच चौथे दिन शुरू कर दी गई है। एडीएम ने एफआईआर कॉपी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बयानों की कॉपी मांगी है। गांव में क्या-क्या हुआ? किसने क्या क्या किया? इसको लेकर मजिस्ट्रेट ने जांच अपनी शुरू की है। मौके के परीक्षण के साथ ही जेसीबी चालक और बिजली काटे जाने के बिंदुओं की भी जांच की जाएगी। एडीएम भू-राजस्व प्रमोद शंकर शुक्ला को जांच मजिस्ट्रेट बनाया गया है।

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