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2028 गेम्स की तैयारी: चैम्पियन तैयार करने वाली पोडियम स्कीम में अब जूनियर्स को भी मौका, कोच की सैलरी और कॉन्ट्रैक्ट में भी इजाफा होगा

  • 2024 और 2028 ओलिंपिक के लिए अभी से 10 से 12 साल के टैलेंट को पहचान कर एडॉप्ट किया जाएगा
  • बड़े खिलाड़ियों के कोचों को 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं दिए जाने के बाउंडेशन को खत्म किया जाएगा

दैनिक भास्कर

Jul 04, 2020, 02:21 PM IST

खेल मंत्रालय ने 2028 ओलिंपिक की तैयारी के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। खेल मंत्री किरन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि ओलिंपिक चैम्पियन तैयार करने वाली टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) में अब जूनियर्स को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही अगले ओलिंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स को देखते हुए कोच की सैलरी और 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने का फैसला भी किया है।

रिजिजू ने फिट इंडिया सेशन में कहा, हर भारतीय का सपना है कि हमारे खिलाड़ी ओलिंपिक में ज्यादा मेडल जीतकर लाएं। इसके चलते खेल मंत्रालय ने 2028 ओलिंपिक के मेडल जीतने के मामले में टॉप-10 में आने का लक्ष्य रखा है। इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है।

टैलेंटेड जूनियर्स को एडॉप्ट किया जाएगा
रिजिजू ने कहा- सरकार ने 10 से 12 साल के टैलेंटेड खिलाड़ियों को पहचान कर एडॉप्ट किया जाएगा। उन्हें सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे 2024 और 2028 ओलिंपिक में मेडल जीत सकें।

नतीजों के आधार पर सैलरी बढ़ेगी
बड़े खिलाड़ियों के कोच को 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं दिए जाने के बाउंडेशन को खत्म किया जाएगा। उनके साथ भी विदेशी कोच की तरह 4 साल का कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा ताकि हमारे खिलाड़ियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। खेल मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि 2028 ओलिंपिक के लक्ष्य को पाने के लिए इन सभी कोच का योगदान महत्वपूर्ण होगा। इन कोच की सैलरी कितनी बढ़ेगी, यह फैसला उनके नतीजों के आधार पर ही लिया जाएगा।

8 राज्यों में बनाए जा रहे हैं स्टेट एक्सीलेंस सेंटर
खेल मंत्रालय ने पहले लेग में 8 राज्यों में खेलो इंडिया के तहत स्टेट खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) तैयार करने की अनुमति दे दी है। इन सेंटरों पर अगले 3 ओलिंपिक की तैयारी के लिए हाई परफॉरर्मेंस मैनेजर, स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट और कोच की नियुक्ति की जाएगी।

वन स्टेट, वन गेम्स योजना से खिलाड़ी तैयार होंगे
मिशन 2028 के लिए खेल मंत्रालय ने वन स्टेट, वन गेम्स योजना भी तैयार की है। इसके लिए 14 खेल चुने गए हैं। सभी राज्यों को ये खेल गोद दिए गए हैं। राज्यों पर ही इनके खिलाड़ियों को तैयार करने की जिम्मेदारी होगी।

मध्यप्रदेश पर निशानेबाज तैयार करने की जिम्मेदारी
वन स्टेट, वन गेम्स के तहत हरियाणा समेत 5 राज्य ओलिंपिक के लिए बॉक्सर तैयार करेंगे। दिल्ली समेत 3 राज्यों ने पहलवानों को तैयार करने की जिमेदारी ली है। मध्य प्रदेश अकेला राज्य होगा, जो निशानेबाज तैयार करेगा। 4 खेलों में आर्चरी, बॉक्सिंग, शूटिंग, बैडमिंटन, रेसलिंग, हॉकी, साइक्लिंग, एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग, टेबल टेनिस, स्विमिंग, जूडो, फेंसिंग और रोइंग शामिल है।

क्या है पोडियम स्कीम
ओलिंपिक की तैयारी को लेकर सितम्बर 2014 से टॉप्स स्कीम शुरू की गई थी। इसमें उन खिलाड़ियों को शामिल किया जाता है, जो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लेते हैं या क्वालिफाई करने की उम्मीद होती है। इस स्कीम के तहत प्लेयर्स को आधुनिक सुविधाएं देने के साथ मेडल जीतने के लिए तैयार किया जाता है।

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